गुरुवार, 1 जनवरी 2009
पी.जी
मै छोटे से शहर मसौढी का रहने वाला हूँ।जहानाबाद मे कम्प्यूटर सेन्टंर चलाने के साथ-साथ प्रभातखबर का रिपोॻटिंग करता था।सुबह रोज जहानाबाद जाना और आना लगा रहता था।ेएक दिन जाने के क्रम मै 573डा.पटना-गया पैंसेन्जर ट्रेन मे चढा तो देखा कि एक लडका मोबाईल चाजॻर के साथ लेकर ट्रेन के तारेगना स्टेशन पर खडी होने पर पटरी के नीचे चक्के के पास बैठ गया और चाजॻर को चक्के के पास बने एक प्लक मे लगाकर मोबाईल के साथ नीचे बैठ गया और जब तक ट्रेन खडी रही वह युवक वैसे ही बैठा रहा,करीब 5मिनट के बाद ट्रेन खुली तो वह युवक चाजॻर निकालकर फिर गाडी मे सवार हो गया।जब उस युवक से मैने पूछा कि चक्के के पास बैठकर क्या कर रहे थे तो उसका जवाब सुनकर मै भौंचक्क रह गया उस युवक का जबाव था कि मै मोबाईल चाजॻ कर रहा था क्योकि गाँव मे बिजली नही है।ैआजकल के युवक इस फैशन के दौर मे न जाने कौन-कौन सी तरकीब का ईजाद कर रहे है,अपने जान पर खेलकर
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